लेखक की कलम से
सिर्फ तुम …
शब्द…
मेरे शब्द तुम हो
एहसास भी तुम ही हो
ख्वाब…
मेरे ख्वाब भी तुम हो
हकीकत भी तुम ही हो
तलब…
मेरी तलब भी तुम हो
ख्वाहिश भी तुम ही ही
गीत…
मेरे गीत तुम हो
मेरे सब राग तुम ही हो
इश्क…
मेरे इश्क तुम हो
मोह्हबत भी तुम ही हो
अरमान…
मेरे अरमान तुम हो
मेरा सम्मान तुम ही हो
सिर्फ…
मेरे अपने सिर्फ तुम हो
सिर्फ तुम ही तुम हो
हसरत…
मेरी हसरत तुम हो
“मंजु” की आशा तुम ही हो
©डॉ मंजु सैनी, गाज़ियाबाद