क्षेत्र में बाजार खुलने का सभी पार्टियों के नेताओं ने एक स्वर में किया विरोध, कहा- इससे कोरोना संक्रमण का डर
मरवाही (अनुपम शुक्ला)। बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण स्थानीय जनप्रतिनिधि व प्रबुद्धजन हाट-बाजार का विरोध कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि भीड़-भाड़ वाले जगहों में संक्रमण का खतरा अधिक होता है तो फिर साप्ताहिक बाजार को बंद क्यों नहीं किया जा रहा है। जीपीएम जिला प्रशासन से लोग इस बात की मांग कर चुके हैं कि जब तक कोरोना नियंत्रण में न हो जाए तब तक साप्ताहिक व दैनिक हटरी बाजार को बंद रखा जाना चाहिए।
खबर नवीन जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही की है जहां कल जनपद पंचायत मरवाही के एक आदेश ने लोगों की नींद उड़ा के रखी है। इस आदेश में जनपद पंचायत मरवाही के सीईओ ने साप्ताहिक बाजार खोलने का निर्णय लिया है। इसके लिए बाकायदा सभी साप्ताहिक बाजारों के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है जिनके द्वारा इन साप्ताहिक बाजारों में कोविड19 से बचाव के तरीकों से लेकर फिजिकल डिस्टेंसिंग का पाठ भी पढ़ाया जायेगा। अलबत्ता इस आदेश से इतर आम लोगो मे यह भय है कि बाजारों के लगने से गांवों में इस बीमारी के संक्रमण का खतरा और भी बढ़ जाएगा। इसलिए क्षेत्र के सभी संभ्रात जन व जनप्रतिनिधि इसका विरोध भी शुरू कर दिए हैं। ज्ञात हो कि गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में मरवाही क्वारैंटाइन सेंटर में भी दो दिन पहले 3 कोरोनो पॉजिटिव पाए गए हैं।
साप्ताहिक बाजारों को खोलने का विरोध करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने कहा कि “अभी साप्ताहिक बाजार नहीं खोलने चाहिए। क्षेत्र के सभी गांवों में पर्याप्त सब्जियां आदि मिल रही है।हम इस सबन्ध में क्षेत्र हित को ध्यान रखते हुए जिला कलेक्टर के समक्ष अपना विरोध दर्ज करवाएंगे।”
विधायक प्रतिनिधि ज्ञानेंद्र उपाध्याय का कहना है कि स्थानीय प्रशासन को हालात सामान्य होने तक साप्ताहिक बाजरो को नहीं लगवाना चाहिए। बाजरों के भीड़-भाड़ से लोगों में इस वायरस के संक्रमण का भय बना रहेगा।
इस संबंध में मरवाही के सरपंच प्रियदर्शनी नहरेल का कहना है कि हमारी मांग है कि अभी साप्ताहिक बाजार कम से कम 6 महीने नहीं लगनी चाहिए। इन बाजारों के लगने से कोरोना संक्रमण का डर बना रहेगा।
मरवाही भाजपा मण्डल अध्यक्ष किशन सिंह ठाकुर का कहना है कि “कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर स्थानीय प्रशासन गम्भीर नहीं है। बाजारों से इसका संक्रमण और फैलेगा। क्योंकि आज भी फिजिक डिस्टेंनसिंग का पालन नहीं हो रहा है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए सभी व्यापारीगण स्वयं से अपना प्रतिष्ठान बंद रखना चाहते हैं। ऐसे में हम बाजार खुलने का विरोध करते हैं।