पेण्ड्रा-मरवाही

निस्तारी तालाब के मेढ़ में अवैध दुकानों का निर्माण, ग्रामीणों ने की कलेक्टर शिखा राजपूत से शिकायत …

गौरेला (आशुतोष दुबे)। एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट तालाबों को सरक्षित करने के लिए कई बार विभिन्न प्रकार के आदेश व दिशा निर्देश दिए गए हैं ताकि तालाबों को संरक्षित किया जा सके और गांवों व शहरों में वाटर लेबल भी बना रहे। पूर्व में भी सभी जिलों के कलेक्टर ने जिले के सभी निस्तारी तालाबों में किसी भी प्रकार के निर्माण में प्रतिबंध लगा रखे हैं। पर कुछ गांव ऐसे भी जहां सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन तो दूर ग्राम पंचायत के सामान्य नियमों का भी पालन नहीं किया जा रहा है और तलाब के मेढ़ में ही अवैध रूप से मकानों का निर्माण कर कब्जा कर लिया गया है।

मामला मरवाही ग्राम पंचायत का है। आरोप है कि ग्राम पंचायत मरवाही के पूर्व सरपंच ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए और बगैर ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पारित किए तथा शासन से अनुमति प्राप्त किए बगैर बस स्टैंड स्थित कुम्हार तालाब के मेढ़ में अवैध रूप से 16 व्यवसायिक दुकानों का निर्माण किया है। जिसमें से 11 दुकानों को ऊंचे-ऊंचे दामों में विभिन्न लोगों को विक्रय कर दिया गया है और विक्रय की गई दुकानों से प्राप्त राशि का भी कोई हिसाब नहीं दिया गया है। वहीं इसी जमीन पर 5 अन्य दुकानें भी निर्माणाधीन हैं।

शिकायतकर्ता मरवाही निवासी राहुल नहरेल का आरोप है कि चूंकि यह शासकीय निस्तारी तालाब की भूमि है, इसलिए सर्वप्रथम इसका मद परिवर्तित करना आवश्यक था और शासन द्वारा भूमि आवंटन पश्चात विभागीय अनुमति मिलने के बाद ही इसमें व्यावसायिक दुकानों का निर्माण किया जाना था। परंतु सभी नियमों को दरकिनार करते हुए दुकानों का निर्माण किया गया है और किया जा रहा है ताकि इन दुकानों की बिक्री से अवैध लाभ अर्जित किया जा सके।

इस संबंध में ग्राम पंचायत मरवाही के शिकायतकर्ता राहुल नहरेल, बूँदकुंवर मास्को व विभा नहरेल ने कलेक्टर गौरेला पेंड्रा मरवाही शिखा राजपूत व पेंड्रारोड के एसडीएम मयंक चतुर्वेदी को लिखित शिकायत कर तालाब की मेढ़ में बनाए जा रहे व्यवसायिक दुकानों में रोक लगाने व दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाही करने की मांग की है।

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