पेण्ड्रा-मरवाही

कलेक्टर शिखा राजपूत पहुंची दानीकुडी, यहां महिला समूह बना रहीं हैं मास्क, मरवाही में राजस्व प्रकरणों का निराकरण के निर्देश दिए

पेंड्रा (अमित रजक)। जिले के आदिवासी बहुल्य ग्राम दानीकुंडी में भी महिलाएं मास्क बनाने के काम में जुटी हुई हैं। इन महिलाओं द्वारा निर्मित मास्क को अभी जिले में विक्रय के लिए भेजा जाएगा और जरुरत हुई तो जिले के बाहर भी यहां के छोटे उद्यमियों द्वारा निर्मित मास्क भेजे जाएंगे। कलेक्टर शिखा राजपूत आज ग्राम दानीकुंडी पहुंचकर मास्क बनाने वाली महिलाओं के समूह से बातचीत की। लॉकडाउन के चलते लंबे दिनों तक सरकारी कामकाज ठप सा रहा है। कलेक्टर ने मरवाही तहसील के राजस्व निरीक्षकों और पटवारियों की बैठक लेकर राजस्व प्रकरणों का निपटारा करने का निर्देश दी है।

उन्होंने महिला समूहों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में यह अभिनव पहल है। वर्तमान परिदृश्य में संक्रामक रोगों से बचाव हेतु फेस मास्क का उपयोग अत्यंत आवश्यक है। कलेक्टर ने कहा कि वन क्षेत्र की महिलाएं मास्क निर्मित कर कोरोना जैसी महामारी की रोकथाम व उसके संक्रमण को रोकने हेतु महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।

मरवाही विकासखण्ड के ग्राम दानीकुंडी स्थित बांस प्रसंस्करण केंद्र में वन विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को सिलाई एवं मास्क निर्मित करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वर्तमान में दस हजार मास्क निर्मित किये जा चुके है। मास्क के उत्पादन से ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार प्राप्त होने के साथ ही वन विभाग तथा अन्य शासकीय विभागों के कर्मचारियो को स्थानीय रूप से मास्क की आपूर्ति सुनिश्चित हो पाएगी। प्रशिक्षण के साथ साथ सभी प्रशिक्षणार्थियों को वन विभाग द्वारा सिलाई मशीन दिया जाएगा, जिससे उन्हें घर बैठे स्वरोजगार मिल सके।

मास्क बनाते समय महिलाओं द्वारा साफ सफाई व सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा हैं। महिलाएं स्वयं मास्क लगाकर इस कार्य को कर रही हैं। बीच- बीच में महिलाओं द्वारा सेनिटाइजर व साबुन का उपयोग किया जा रहा हैं। इन समस्त उत्पादों के निर्माण की मॉनिटरिंग अधिकारियों द्वारा की जा रही है। वनक्षेत्र की महिलाएं मास्क बनाने के कार्य को स्वरोजगार के दृष्टिकोण के अतिरिक्त सामाजिक महत्व का कार्य समझकर कर रही हैं। महिलाओं का कहना हैं कि आज देश कोरोना वाइरस के संक्रमण काल के कठिन दौर से गुजर रहा है, देश को इस कठिन परिस्थितयों से निकालने में हम सब इस कार्य को बड़े उत्साह व रुचि से कर रही हैं।

बैठक में कलेक्टर ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, भुइयां पोर्टल में राजस्व अभिलेखों के अद्यतीकरण, ओलावृष्टि से क्षति होने पर प्रभावितों के मुआवजा हेतु प्रकरण तैयार करने, नामांतरण-बंटवारा और सीमांकन प्रकरणों के समय सीमा में निराकरण की विस्तृत समीक्षा की और कार्य मे तेजी लाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने राजस्व निरीक्षकों और पटवारियों को अपने दायित्वों का गंभीरतापूर्वक एवं निष्ठापूर्वक निर्वहन करने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि शासकीय दायित्वों के निर्वहन में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

मरवाही विकासखण्ड के ग्राम दानीकुंडी स्थित बांस प्रसंस्करण केंद्र में वन विभाग द्वारा आदिवासी महिलाओं को सिलाई एवं मास्क निर्मित करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वर्तमान में 10 हजार मास्क निर्मित किये जा चुके हैं। मास्क के उत्पादन से आदिवासी महिलाओं को स्वरोजगार प्राप्त होने के साथ ही वन विभाग तथा अन्य शासकीय विभागों के कर्मचारियों को स्थानीय रूप से मास्क की आपूर्ति सुनिश्चित हो पाएगी। इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर डिगेश पटेल, रेंजर संजय त्रिपाठी सहित वन विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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