लेखक की कलम से
कितने अलग
कविता
ग्रामीण या तो
आदिवासी ही
कितने अलग हैं तुमसे
बस अलग…. अलगाव नहीं तुमसे |
तुम्हारी पसंद अलग
उनकी पसंद अलग |
कटहल दोनों की पसंद
नदी, झरने, जंगल
दोनों की पसंद
लेकिन फर्क भी है कुछ
उन्हें उन्मुक्त नदी पसंद है
और तुम्हें उसका ठहराव |
तुम्हें शिशु कटहल पसंद है
और उन्हें पसंद है
रेशेदार, बीजवाले
रसीले बड़े कटहल,
उनकी पसंद के पीछे
छुपा हुआ है
उनका अपना अर्थशास्त्र |