लेखक की कलम से

मन की बात हो …

गीत

 

मन की बात हो, मन की बात हो।

 

दूर गगन में मैं उड़ जाऊ,

किसी के हाथ ना आऊँ,

चंदा को छूके मैं,

मन ही मन इतराऊं

सखियाँ साथ हो,

सखियाँ साथ हो,

मन की बात हो।

 

गुलों से ज्यादा सुन्दर,

बनू मैं प्यारी दुल्हन,

डोली में बैठ के मैं,

पिया के घर जाऊँ,

पिया का प्यार हो,

पिया का प्यार हो,

मन की बात हो,

मन की बात हो।

 

©झरना माथुर, देहरादून, उत्तराखंड           

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