लेखक की कलम से

जा-जा रे बदरा जा रे …

जा-जा रे बदरा जा रे,

लेजा पिया का संदेशा,

लेजा पिया का संदेशा,

हुई मन बावरी, पिया की सांवरी,

ये तो बता जा, तू ये तो बता जा,

कैसा है निर्मोही न आया,

मुझे मेरे हाल पर छोड़ गया,

जा- जा रे बदरा जा रे………

घन घनघोर छाए ऐसे,

मनवा नाचे मोर जैसे,

कुहुकि- कुहुकि बोले,

कारी कोयलिया,

मनवा जाए डोल सखी रे ,

जा – जा रे चंदा जा रे

लेजा पिया का संदेशा,

लेजा पिया का संदेशा,

दमक रहा अंबर ऐसे,

पिया मुख हो तेरा जैसे,

तू ही बता दे उसको,

राह दिखा दे उसको ,

कहां है छुपा निर्मोही न आया,

मुझे मेरे हाल पर छोड़ गया,

जा- जा रे बिजरी जा रे,

लेजा पिया का संदेशा……

बीता जाए यह सावन बता जा,

रूठ गया क्या मुझसे निर्मोही,

अब तक न आया,

मुझे मेरे हाल पर छोड़ गया,

जा- जा रे पवन जा रे,

उसको मेरा हाल बता जा,

बिन उसके हुई बेहाल मैं तो,

उसको पूरा हाल बता जा……..।।.

©पूनम सिंह, नोएडा, उत्तरप्रदेश                                

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