लेखक की कलम से

शिव-प्रार्थना …

महाशिवरात्रि पर्व पर भक्तों की है

धूम निराली!

द्वादश ज्योतिर्लिंग पर छाया रहता है

छटा प्यारी!

कलियुग में आपका वासस्थल..

 

श्रीकेदारनाथ, श्रीकाशी विश्वनाथ

श्रीमहाकालेश्वर, श्रीओंकारेश्वर

श्रीनागेश्वर, श्रीबैद्यनाथ

श्रीसोमनाथ, श्रीत्रयम्बकेश्र्वर

श्रीघृष्णेश्वर, श्रीभीमाशंकर

श्रीमल्लिकार्जुन, श्रीरामेश्वरम

 

पर

जन-जन के हृदय में

आप चित्रित हो

इस रूप में..

जिनकी गोद में हिमायल की पुत्री पार्वती,

मस्तक पर गंगा,

ललाट पर दूज का चन्द्रमा,

कंठ में हलाहल विष

और

वक्षः स्थल पर सर्पराज शेष सुशोभित हैं,

जो भस्म से विभूषित,

देवताओं में श्रेष्ठ,

सर्वेश्वर,

भक्तों के पापहर्ता,

सर्वव्यापक,

कल्याण स्वरूप,

चन्द्रमा के समान श्वेत वर्ण,

श्रीशंकर

सदा सर्व मंगल करें,

सदा सर्व रक्षा करें।

सद्बुद्धि दें…

ताकि

आपको पुनः तांडव न करना पड़े!

शिव शांति का प्रतिकार करें!

जन-जन के हृदय में,

शांति का निवास करें…

 

©अल्पना सिंह, शिक्षिका, कोलकाता

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