लेखक की कलम से

लक्षद्वीप पर बवंडर क्यों उठा …

नैसर्गिक द्वीपसमूह लक्षद्वीप को पड़ोसी केरल की मुस्लिम लीग ”दक्षिण का कश्मीर” बनाने हेतु आतुर है। गत दिनों से यह प्राकृतिक सौंदर्यवाला भूभाग सुर्खियों में छाया है। केरल की सत्तासीन वामपंथी मोर्चा के ”टुकड़े—टुकड़े गैंग” की नीति के कारण माकपा अपने शत्रुदल मुस्लिम लीग से यारी में हिचकती नहीं दिख रही है। यूं मुस्लिम लीग तो विपक्षी कांग्रेस—नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा की घटक है। उसी की मदद से मुस्लिम—बहुल वायनाड से राहुल गांधी चार लाख वोटों से लोकसभा के लिये जीते थे। कम्युनिस्ट पार्टी के पीपी सुनीर को हराया था।

लक्षद्वीप छत्तीस टापुओं वाला, मात्र बत्तीस वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का, पैंसठ हजार आबादी का समूह है। इस पिछड़े, उपेक्षित, मगर अत्यधिक सामरिक महत्व के जजीरों पर कम्युनिस्ट चीन और इस्लामी पाकिस्तान की गिद्धदृष्टि वर्षों से लगी है। मसलन अगस्त 1947 की घटना याद कर लें। मुस्लिम—बहुल लक्षद्वीप को कब्जियाने हेतु नवनिर्मित इस्लामी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मियां लियाकत अली खान ने अपनी नौसेना भेज दी थी। मगर तब तक लौह पुरुष गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई झावेरदास पटेल ने भारतीय नौसेना के बेड़े को आदेश दिया कि रक्षार्थ वह भी अरब सागर में जाये। किन्तु आदेश विलंब से था। अत: सरदार पटेल ने स्वाधीनता सेनानी, कांग्रेस नेता पनमपल्ली गोविंद मेनन द्वारा त्रावन्कोर—कोचिन पुलिस को प्रेषित कर पाकिस्तानी नौसैनिकों को मार भगाया। भोर में रविरश्मियों से चुम्बित यहां के रेतीले तट की शैलभित्तियों का यह अनिवर्चनीय आकर्षण भारत में ही रह गया।

यह हसीन द्वीपसमूह दलगत राजनीति से भी ग्रसित रहा। पिछले (2019 के) संसदीय चुनाव के समय भाजपा नेता नरेन्द्र मोदी ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री राजीव गांधी (1987) सपरिवार, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तथा अमिताभ बच्चन, आदि को लेकर आधुनिक नौसना के पोत आईएनएस विराट पर पिकनिक मनाने लक्षद्वीप गये थे। वायुयान से विदेशी शराब और मांसाहार मंगवाया था। ऐश किया था। मानो यह करोड़ों रुपये का जलपोत निजी टैक्सी हो। राजकोष के खर्च कर पारिवारिक मौज मनाया गया था। नौसना के रिटायर्ड कोमोडर अजय चिटनीस साक्षी रहे। पत्रिका ”इंडिया टुडे” में सरकारी सैरसपाटे की विस्तार में सचित्र रपट छापी थी। ”दि इंडियन एक्सप्रेस” के दिल्ली स्थित विशेष संवाददाता और माकपा नेता ईएमएस नंबूदिरिपाद के भतीजे पी. रामन की भी खोजी रपट प्रकाशित हुई थी। लक्षद्वीप से दस बार लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुये कांग्रेसी सांसद पी. मोहम्मद सईद ने भी तब प्रधानमंत्री का बचाव किया था और कहा था कि यह दौरा अधिकारिक था। सईद साहब इस केन्द्र—शासित लक्षद्वीप जजीरे में इंडियन फेडेरेशन आफ वर्किंग जर्नालिस्ट्स की स्थानीय यूनियन के संरक्षक भी रहे।

 

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©के. विक्रम राव, नई दिल्ली

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