लेखक की कलम से

वसंत पंचमी …

माँ शारदे की कृपा से पावन वसंत पंचमी का आगमन हुआ।

शीत ऋतु ने करवट बदली ठिठुरने का अंत हुआ।

हरियाली का मौसम आया आरम्भ वसंत हुआ।

आसमान  में खेल चला है सतरंगी पतंगोत्सव का

लहराती पीली -पीली सरसो, बागो में आमो का बौर आया।

वसंत खुशियों की सौगात लाया।

वसंत  आया कोयल की मीठी कूह कह से

वातावरण पर यौवन छाया

वसंत आया वसंत आया।।

चमक रहा सूरज सुनहरी किरणों से

मधुर पवन भी बहती है

हर अंत की नयी शुरूआत है

हमसे ऋतु वसंत यह कहती है

नयी -नयी आशाओं ने है

आकर मन को छुआ

उड़ गये सारे संशय मन के

उड़ा है जैसे धुंध धुआं

शीत ऋतु का देखो कैसा अंत हुआ

नव कोपलो के रूप  में आरंभ

सुनहरा वसंत हुआ।

 

©आकांक्षा रूपा चचरा, कटक, ओडिसा

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