लेखक की कलम से
बसंत आया रे …
आया रे आया रे आया रे ,
बसंत बहार लेकर आया !
माँ सरस्वती की कृपा से ,
बसंत का मौसम लेकर आया ,
बगिया को महका ने आया ,
फुलो को चहकाने आया ,
कलियों में बहार लाया ,
दिलों में उमंगे लाया ,
पतझड़ में मुस्कुराहट लाया ,
धरती को शृंगारित करने आया ,
प्रकृति में परिवर्तन लाया ,
कोयल की कू- कू लाया ,
पीली सरसों में मतवाली लाया ,
खेतों में फसलें को लह- लह-लहाया ,
आया रे आया रे बसंत ,
बसंत बहार लेकर आया !
©रूपेश कुमार, चैनपुर, सीवान, बिहार