लेखक की कलम से

छोटी छोटी बातों पर की जा रही लोगों की हत्या, समाज में बढ़ रही हिंसा, लोग खुद करने लगे हैं इंसाफ ….

हम तथाकथित आधुनिक विकास के दौर में हैं। हम व्यक्तिगत सुखों के लिए लालायित रहते हैं। सिर्फ अपनी खुशी के लिए जीते है। हम इस कारण संवेदनहीन स्वार्थी होते जा रहे हैं। सहनशीलता भी खतम होती जा रही हैं।

समाज और घर परिवार में हिंसा बढ़ रही है । अहिंसक समाज का मूल्य खतम हो रहा है। समाज में और घर परिवार में बढ़ती अ सहनशीलता का नतीजा यह हो रहा है कि लोग कानून हाथ में लेकर अपराध को अंजाम देने लगे हैं। इनके सामने पुलिस और अदालत का कोई महत्व नहीं रहता। भीड़ फैसले कर रही है। ये प्रवृत्तियां अपने देश के लिए खतरनाक साबित हो रही है। छोटे-मोटे अपराधों के लिए लोगों को अपनी जान देनी पड़ रही है या उसकी जान ले ली जा रही है।

अभी हाल में 20 जुलाई को राजस्थान के जालोर जिले के सुराणा गांव के एक निजी स्कूल में मेघवाल नाम के एक नौ वर्षीय दलित छात्र की शिक्षक ने इतनी पिटाई कर दी कि उसकी जान ही चली गई। बताते हैं कि मृतक छात्र की शिक्षक ने इसलिए निर्मम पिटाई कर दी कि उसने तथाकथित ऊंची जाति के छात्रों और शिक्षकों के लिए रखे घड़े से पानी पी लिया था। इस घटना के चलते राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार निशाने पर आ गई है। एक विधायक पानाचंद मेघवाल और नगर परिषद के बारह पार्षदों ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया  है।

ऐसी घटनाएं ना केवल राजस्थान में बल्कि बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई और झारखंड आदि राज्यों में पिछले पंद्रह दिनों में घटी है । ना केवल इन राज्यों में बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी आए दिन घटित होती रहती हैं। इस तरह की घटनाएं लोगों में बढ़ रही मानसिक संकीर्णता और असहनशीलता की भावना का नतीजा है । इसलिए इस तरह के अपराधों में संलिप्त पाए जाने वाले लोगों को कानून के अनुसार सख्त सजा देने के साथ-साथ उनका मानसिक उपचार करवाए जाने की भी जरूरत है ताकि समाज में ऐसी निर्मम बर्बर घटनाओं पर रोक लग सके। देश में इन दिनों में इस तरह का प्रचलन बढ़ रहा है लोग छोटी मोटी बात पर भी अपना आपा खो देते हैं और एक दूसरे पर हिंसक हमले करने से भी बाज नहीं आते हैं जिसके बहुत ही  अप्रिय और दुखद परिणाम सामने आ रहे हैं।

विभिन्न समाचार पत्रों के मुताबिक पिछले एक पखवाड़े में ही देश के विभिन्न राज्यों में लोगों ने आवेश में आकर छोटी मोटी बातों पर हुए विवादों के दौरान कानून अपने हाथ लेकर कई जघन्य अपराधों को अंजाम दिया है।

पहली अगस्त को राजस्थान के दागीपूरा क्षेत्र के बोलू खेड़ी गांव में एक विधवा के साथ अवैध संबंधों के शक में ग्रामीणों ने गोपाल नाम के एक युवक के हाथ बांधकर उसे पूरे गांव में नंगा घुमाया और बर्बर तरीके से उसकी पिटाई की। इसी तरह 5 अगस्त को बिहार के अररिया जिले के पोथिया गांव में जानवर चुराने के संदेह में लखन राम नाम के एक व्यक्ति की गांव वालों ने खूब पिटाई कर दी । परिणामस्वरूप उसकी मौत हो गई । उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के उई लारा गांव में चोरी के आरोप में ग्रामीणों ने 14 वर्षीय दलित युवक विजय कुमार गौतम की पीट-पीटकर हत्या कर दी ।

अगस्त को उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के शेरकोट थाने के कुछ लोगों ने एक मंदिर के पुजारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी। फिर 10 अगस्त को राजस्थान जयपुर के रायसर गांव के लोगों ने अत्यंत बर्बर घटना को अंजाम दिया इस गांव की एक दलित अध्यापिका ने जब सुनील नाम के एक परिचित व्यक्ति से उधार के ढाई लाख रुपए वापस करने की मांग की तो सुनील ने अपने साथियों के साथ उस अध्यापिका को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया।

इसी तरह 11 अगस्त को रेलवे के सेवानिवृत्त इंजीनियर रामपाल सिंह को ठेकेदार ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर  रात भर बंधक बनाकर उसकी खूब पिटाई की और जान से मार देने की धमकी देकर उसको नंगा कर वीडियो बनाया फिर इस वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर ₹1000000 की मांग की। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर नई दिल्ली में बीच-बचाव करने आए एक युवक की कई लोगों ने बेरहमी से पीटकर उसकी जान ले ली।

राजस्थान के अलवर जिले में रामबास गांव में 10 लड़कों ने मिलकर ट्रैक्टर चोरी के शक में चिरंजीलाल नामक व्यक्ति की पीट-पीटकर जान ले ली। स्वतंत्रता दिवस के अगले दिन दिल्ली के मदनपुर खादर में जन्मदिन की पार्टी में मामूली बात पर हुए विवाद में 15 वर्षीय फैजान अली की उसके दोस्त मोनू ने लोहे की छड़ से पीट-पीटकर हत्या कर दी। उधर झारखंड के दुमका में भी 17 अगस्त को 5 लोगों ने एक युवक की इतनी पिटाई कर दी कि उसकी जान ही चली गई।

ये कुछ घटनाएं हैं,जो बताती हैं कि लोग जान की कीमत नहीं समझ रहे। छोटी छोटी बातों को लेकर किसी की जान तक लेने पर उतारू हो जाते हैं। हमारे देश में अदालतें हैं पुलिस हैं। कानून हैं। इसके बावजूद ऐसी घटनाएं अब रुक नहीं रहीं बल्कि बढ़ ही रही हैं।

 

 

©हेमलता महस्के, पुणे, महाराष्ट्र                                  

 

 

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