लेखक की कलम से
की रौनक ….
आज बहुत खुश हूँ मैं कि मेरे उत्तराखंड में भी पर्यटकों की बहार है। नैनीताल की झील में आज सुरताल हैं तो मंसूरी में भी झंकार हैं। खिल रहे हैं चेहरे व्यवसाय भी जानदार है।
लौटी है एक बार फिर मंदिरो के घण्टों की गूंजे, उपबन में भी खिले हैं फूल, बीरान सी सड़को पे लोगों की खिलखिलाहट है।
आज मेरा भारत फिर से आगे बढ़ने को तैयार हैं। समझौते के साथ ही सही आगे बढ़ने की कोशिश बेकरार है।
©झरना माथुर, देहरादून, उत्तराखंड