लेखक की कलम से

प्रेम….

प्रेम एक अहसास है

लोग करते है

अपने देश से

अपने परिवार से

अपने समाज से

देश की माटी  से

कुछ लोग करते है

अपने घर से

पशु पछियों से

पेड़ पौधों से

धन संपत्ति से

प्रेम तो प्रेम ही है

किसी से भी करें

पर सोच समझ

कर करें

परिवार से प्रेम

तो सभी करते है

पर देश की

सीमा पर मर

मिटने वालो का

प्रेम के साथ

सम्मान भी करे

©डॉ प्रताप मोहन भारतीय, बद्दी, हिमाचल प्रदेश

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