पेण्ड्रा-मरवाही

जोगी कांग्रेस के प्रवक्ता वीरेंद्र बघेल ने कहा- प्रवासी मजदूरों को लेकर सरकार से लेकर शासन प्रशासन तक गम्भीर नहीं

गौरेला (आशुतोष दुबे)। जोगी कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र सिंह बघेल ने प्रवासी मजदूरों को लेकर मोदी सरकार से लेकर छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों के वीडियो फोटो और दुर्दशा देखकर अब तो मानवता भी शर्मसार हो रही है। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार इनकी सुध नहीं ले रही है। केवल बातें ही हो रही है।

वीरेंद्र सिंह बघेल ने कहा है कि वर्तमान में प्रवासी मजदूरों की बदहाली देखते हुए उनके लिए राज्य सरकार को कुछ नए नियम बनाए जाने चाहिए ताकि उन्हें राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार 20 लाख करोड़ का बजट ले के आयी है खुशी की बात है। पर क्या इससे उन गरीब मजदूरों की हालत सुधरेगी जो पैदल अपने घर को जा रहे हैं और जो घर पहुचते पहुचते इस दुनिया को अलविदा कर गये।

उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि बड़ी संख्या में राज्य कर्मचारी से लेकर पुलिसकर्मी तक लोगों की मदद में जुटे हैं लेकिन सभी को मानवता भी दिखानी चाहिए।अधिकारियों व कर्मचारियों को समझना होगा कि यह आपदाकाल है, और इस वक्त में प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी बेहद अहम हो जाती है। शासन प्रशासन को अपने कर्मचारियों को दिशा निर्देश जारी करना चाहिए कि अगर वे किसी भी मजदूर को कहीं भी पैदल चलते देखते हैं, तो उसे तत्काल रोककर शेल्टर होम में रुकवाये।

स्थानीय प्रशासन से बात करके उनके खाने-पीने की व्यवस्था कराई जाए और फिर उनकी मेडिकल जांच कराने के बाद उन्हें प्राथमिकता के आधार पर सीधे उनके जिला अथवा गांव भेजे जाने की भी व्यवस्था की जाए। आगे की व्यवस्था उनका स्थानीय प्रशासन उसी के अनुरूप करे, जिसके अनुरूप ट्रेनों-बसों से लाए जा रहे श्रमिकों के साथ की जा रही है।

छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रवक्ता वीरेंद्र सिंह बघेल ने भूपेश बघेल सरकार से अनुरोध किया है कि वह कम से कम अपने राज्य में जो बाहर से श्रमिक आ रहे है उनको तत्काल घर पहुँचाने की व्यवस्था के साथ खाने पीने की भी व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि आज हजारो की संख्या में इन प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा देखकर मानव समाज को लज्जा आनी चाहिए। वर्तमान में प्रवासी मजदूरों की अनेको पीड़ा देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार को पहले मजदूरों के लिये तात्कालिक तौर पर कुछ करना चाहिए उसके बाद इनसे सम्बन्धित कार्ययोजना बनानी चाहिए।

वीरेंद्र बघेल ने कहा कि आज इस लॉक डाउन में श्रमिकों के बारे में कोई कुछ भी नहीं सोच रहा। उन्होंने कहा कि मजदूर चाहे किसी भी प्रदेश का हो हर राज्य का कर्तव्य है कि उनके समुचित व्यवस्था के साथ उनको सकुशल  घर तक पहुँचाया जाए।

वीरेंद्र सिंह बघेल ने कहा कि बड़ी विडंबना है कि छत्तीसगढ़ में आने वाले स्थानीय मजदूरों को तो कुछ राहत मिलती है परंतु छत्तीसगढ़ से अन्य राज्य के जो मजदूर पैदल जा रहे है उन्हें किसी भी प्रकार की कोई सहायता या मदद जो वास्तव में मिलनी चाहिए नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि इस लाकडाउन का यदि सबसे ज्यादा पीड़ा और कष्ट किसी को हुआ है तो वो शायद मजदूर ही हैं जिनकी मेहनत के कारण ही हमें सब प्रकार की सुख सुविधा हम लोगों को मिलती है। पर आज यही मेहनतकश मजदूर अपने जीवन की भीख मांग रहा है जो दुर्भाग्य जनक हैं।

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