लेखक की कलम से

क्या यह षड्यंत्र है …

सत्ता की लोलुपता व देश की वर्तमान केंद्र सरकार को बदनाम करने के लिए सत्ता विहीन लोग कितना नीचे गिर गए हैं इसका उदाहरण कई प्रदेशों में देखा गया ।कहीं पर ऑक्सीजन को लेकर बवाल मचाना,फिर जब उपलब्धता की जाए तो उसे रखने की व्यवस्था न कर पाना और कहीं लोगों तक ना पहुंचा कर उसे खाली स्थान पर बर्बाद कर देना। कभी दवाओं के लिए, कभी अस्पताल के लिए हाय- तोबा ,यह सब सोची समझी साजिश के तहत तो नहीं किया जा रहा जिससे वर्तमान सरकार से लोग नाराज हो जाएं और उसके विरुद्ध जंग छेड़ दें लेकिन राजनीतिक पार्टियां इसमें पूर्णता सफल नहीं हो पा रही हैं ।

लोगों की जान से उन पार्टियों को कोई लेना -देना नहीं ,उन्हें तो बस राजनीति से मतलब है । आजकल वैक्सीन को लेकर बवाल किया जा रहा है। सत्यता तो यह है कि जो प्रदेश वैक्सीन को लेकर बवाल कर रहे हैं उन्हीं के यहां या तो इंजेक्शन को बर्बाद किया जा रहा है जैसे जमीन के नीचे गाड़ दिया जा रहा या कूड़ेदान में डाल कर या कई और अन्य तरीके से । हद तो तब हो गई कि जिन प्रदेश ने हाय -तौबा मचाया उन प्रदेश में ही लोगों को इंजेक्शन के नाम पर धोखा दिया जा रहा।

इंजेक्शन लोगों को ना लगाकर उसको कूड़ेदान में डाल दिया जा रहा और इन सब को देखते हुए भी वहां की सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।लाखों लाख इंजेक्शन बर्बाद कर दिए जा रहे हैं और तोहमत केंद्र सरकार के ऊपर लगाई जाती है कि वह हमें इंजेक्शन नहीं दे रही है जिससे हम लोगों को वैक्सीनेट कर सकें।

वर्तमान केंद्र सरकार तटस्थ होकर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही है और सभी राजनीतिक पार्टी को इसका सहयोग करना चाहिए क्योंकि जनता सब देख रही है और सब जानती है। हमें पूरा विश्वास है कोरोना जैसी महामारी में सरकार के द्वारा जो भी कदम उठाया जा रहा है वह सार्थक सिद्ध होगा।

कुछ पंक्तियां देखिएगा….

मेरे हर बात में तुमको नया अंदाज़ मिल जाए ।

मेरे हर काम में तुमको नया राज मिल जाए ।

ऐसा नहीं कि बेखबर हूं तुम सब के षडयंत्रों से ,

ढूंढ़ो नई नीति जिससे तुम्हें काज मिल जाए।

 

©शालिनी मिश्रा, गाजियाबाद, उत्तरप्रदेश                 

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