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खेल-खेल में प्रतिभा और नैतिक मूल्यों का विकास कर रहा इस्कॉन फरीदाबाद …

विनय चावला । कोविड के इस समय में जब हर तरफ भय और चिंता का माहौल है, बच्चे बड़े सब घरों में कैद हैं और गर्मियों की छुट्टियों में बच्चे बाहर न जा पाने के कारण उदास हैं। इस्कॉन मंदिर, फरीदाबाद सेक्टर 37 की एक इकाई इस्कॉन स्कूल ऑफ कल्चर एंड वैल्यूज ने 4 से 14 साल के बच्चों के लिए एक मुफ्त ऑनलाइन समर कैंप शुरू किया है। इस शिविर में 500 बच्चों ने पंजीकरण कराया है और पूरे उत्साह के साथ सप्ताहांत कक्षाओं में भाग ले रहे हैं जो जून के पूरे महीने तक जारी रहेगा।

बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार तीन स्तरों में विभाजित किया गया है, स्तर 1 आयु सीमा 4 से 6 वर्ष, स्तर 2  आयु सीमा 7 से 10 वर्ष और स्तर 3 आयु सीमा 11 से 14 वर्ष। उन्हें योग्य शिक्षकों द्वारा नैतिक मूल्य, कला और शिल्प, नृत्य, आध्यात्मिक खेल श्लोकोच्चारण और बहुत कुछ सिखाया जा रहा है। मुख्य इंचार्ज कृष्णगंगा देवी ने कहा, “बच्चे हमारा भविष्य हैं।

हम उन्हें नैतिक मूल्य, आध्यात्मिक शिक्षा के साथ-साथ कला और शिल्प जैसे ज्ञान के अन्य पहलुओं को देकर समाज की सेवा करना चाहते हैं ताकि वे कठिनाइयों से निपटने के लिए मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य प्राप्त कर सकें, जो उनके जीवन में आ सकती हैं। साथ ही उन्हें बेहतर और जिम्मेदार इंसान बनने में मदद करने के लिए ताकि वे अपने परिवार, राष्ट्र और मानवता के लिए एक संपत्ति बन सकें। इस उम्र में जब वो किशोरावस्था को प्राप्त हो रहे हैं तब उनके जीवन निर्माण के लिए मजबूत आधार की जरूरत होती है।

समाज को संवेदनशील, समझदार, जानकार और आध्यात्मिक रूप से मजबूत लोगों की जरूरत है और हमें विश्वास है कि श्रीमद्भगवद्गीता में दिए इस महान ज्ञान को आसान व सरल तरीके से उन तक पहुंचाने में हम सही दिशा में कदम आगे बढ़ा रहे हैं। हमारे पास 30 योग्य शिक्षकों की एक टीम है जो स्वयं भगवद्गीता में बहुत विद्वान हैं वे कई वर्षों से इस्कॉन मंदिर में दी गई हमारी भगवद्गीता कक्षाओं में भाग ले रहे हैं और वर्तमान में फरीदाबाद के प्रतिष्ठित स्कूलों में पढ़ा रहे हैं।”

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