लेखक की कलम से

खूब पढ़ाते टीचरजी …

 

अच्छी बात हमें सिखाते, टीचरजी।

मेहनत से खूब पढ़ाते, टीचरजी।।

 

मोती से दांत चमकते, आंखे तेज।

पान-मसाला नहीं चबाते, टीचरजी।।

 

होमवर्क न करके लाते बच्चे जो।

तब डांटते, चपत लगाते, टीचरजी।।

 

कोई बात समझ न आती, हम कहते।

एक नहीं दस बार बताते, टीचरजी।।

 

पढ़ाते-लिखते मन जब लगे ऊबने।

कविता, गीत, कथा सुनाते टीचरजी।।

 

शेर-बकरी, लंगडी-दौड़, नेता-खोज।

बहुत सुंदर खेल खिलाते टीचरजी।।

 

  ©प्रमोद दीक्षित, बांदा उत्तरप्रदेश  

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