लेखक की कलम से

तुम्हें कोई गिराए अगर तो …

 

तुम्हें कोई गिराए अगर तो,

तुम मायूस मत होना,

हौसलों को बुलंद करो इतना,

तेरी ऊंचाई से वो डर जाए,

लहराओ आकाश में ऐसे,

तेरे झोंकों से वो घबराए,

तुम्हें कोई डराए अगर तो,

तुम डर मत जाना,

खुद को बुलंद करो इतना,

तेरी बुलंदी से वो घबराए,

तुम्हें कोई नीचा दिखाए तो,

तुम दुखी मत होना,

खुद को खुशियों में डूबाओ इतना,

तेरी खुशियों से वो जल जाए,

मिले गर वफा के बदले बेवफाई,

तो हताश मत होना,

वफा तुम करो उससे इतना,

कि वफ़ा से जफा पिघल जाए,

तनहाई सताए अगर तो,

उलझन में मत होना,

उम्मीदों का दामन पकड़ कर,

तुम बढ़ता चला जाना,

दिए ख्वाबों  को जलाकर,

राह पर चलते जाना,

मिलेंंगी कभी ना कभी मंजिल,

जो खुदा को भी मंजूर होगी……।।

 

 

©पूनम सिंह, नोएडा, उत्तरप्रदेश                                  

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