लेखक की कलम से
चाय की चुस्की …
चाय की चुस्की के साथ अक्सर
कुछ गम भी पीती हूँ।
मिठास कम सी है जिंदगी में
उलझनों को भूलाने के लिए
चाय की चुस्की का मजा भरपूर
लेती हूँ।
रिश्तो में प्यार की मिठास घोलने चाय अपनों के साथ ही पीती हूँ।
दोस्तों में अपना बचपन टटोलने
जिंदादिली से जीती हूँ।
चाय की चुस्की से कुछ गर्म गमों को पीकर•••••
मुस्कुराहटों से चाय की चुस्की का आंनद भरपूर लेती हूँ।
©आकांक्षा रूपा चचरा, कटक, ओडिसा