लेखक की कलम से
एक तू ही…..
पायल की झंकार
चूड़ियों की खनक
माथे की बिंदी को भी
तेरे होने का एहसास है
हर एक सांस में तेरा प्यार है
किस्मत पर यकीन था मुझे
तभी तो हम हर कदम पर साथ हैं
दिल की हर धड़कन
रास्ता तेरे आने का देखें
मेरी खामोशी भी तेरे प्यार की जुबां कहे
नजरें तेरी राह देखे
मेरा अस्तित्व का तू ही तो सूत्रधार है
कलियों की मुस्कुराहट
नदियों का कलकल
फूलों की खुशबू
खींचें तेरी यादों की ओर
क्योंकि तू ही तो मेरा प्यार है
बरसों से था इंतजार
सदियों से था तुझसे प्यार
न कह पाई इस बात को
क्योंकि शब्दों में था आपस में तकरार
क्या कहें तेरे प्यार की अहमियत
तू ही तू है मेरी किस्मत।।
©डॉ. जानकी झा, कटक, ओडिशा