लेखक की कलम से

रावण आखिर मरता क्यूं नहीं…

 

एक रावण को हर साल हम ऐसे जलाते है,

हो हर बार कुछ अच्छा यही भावना रखते है।

उस रावण की कुछ अच्छाइयां भी हम भुलाते है,

वह एक बुरा इंसान था बस यही हम बताते हैं।।

 

क्या हकीकत में वह रावण इतना भी बुरा था??

की उसकी एक भी अच्छाइयां हम किसी को भी ना गिनाते हैं।

रावण एक ब्राह्मण वंश का अंश था,

जिसका सिर्फ रामजी के हाथों ही अंत था।।

 

हां माना कि उस रावण ने सीता जी का,

अपहरण कर वन में उन्हें रखा था।

पर क्या कभी उनकी इजाज़त बिना,

कभी भी उनको छुआ था??

 

वहीं बात करें आज के रावण की तो,

हर एक घर में ही तो रावण बैठा है।

जग का हर एक कोना देखो,

क्रूरता से ही तो भरा बैठा है।।

 

अरे! मारना है तो इन रावणों को मारो,

जिसने कन्याओं को भी न छोड़ा है।

अपहरण कर फिर, घिनौनी हरकत कर,

मर्डर तक को भी जहां अंजाम दिया है ।।

 

क्यों नहीं तुम राम बनकर,

उन देवियों को बचाते हो??

क्यों नहीं उस रावण को तुम,

बीच चौराहे पर जलाते हो??

 

अरे! शर्म करो जरा सी तो,

क्यों उस रावण को तुम बचाते हो??

कोर्ट कचहरी के चक्कर लगवाकर,

उसको फिर से को मौका दिलाते हो।।

 

रोज नया एक रावण पैदा होता,

क्यों नहीं उसको तुम हर रोज सजा दिलाते??

आख़िर यह रावण मरता क्यूं नहीं??

हर रोज बस यही विचार तो करते हो।।।….

 

©सुरभि शर्मा, शिवपुरी, मध्य प्रदेश

 

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