लेखक की कलम से

सुनिए …

(नज़्म)

 

सवाल किया है तो जवाब भी सुनिए

दबी आवाज़ों का इंक़लाब भी सुनिए

 

सिर्फ सिखाते ही मत रहिए बच्चों को

उन की निगाहों का ख्वाब भी सुनिए

 

कितना रोक सकेंगे नदी को बाँधों में

बलखाती पानी का रूबाब भी सुनिए

 

सब कुछ लिख डाला अमीरों के नाम

एक दिन गरीब का अभाव भी सुनिए

 

मर्द होके हर बात पे परेशाँ हो जाते हैं

सहमी हुई औरत का दबाव भी सुनिए

 

किस तरह से तुमको अच्छा ही सुनाए

हम से कभी तो कुछ खराब भी सुनिए …

 

  ©सलिल सरोज, कार्यकारी अधिकारी, लोकसभा सचिवालय, नई दिल्ली    

Back to top button