लेखक की कलम से

नव आगमन …

 

होली हवाओं में हरकत

हिले

पर्दे पलटे कैलेंडर के पन्ने बदलती चली तारीखें

बीते साल महीने

 

आज चुपचाप दम साधे जा रहा पुरातन वर्ष

 

शान से गर्दन उठाई

पहने बूट कोट टाई

कैसी गर्दन शान से खाए

 

बढ़ रहा आगे आगे

वर्ष नया सुखदाई

नव वर्ष अग्रिम बधाई …

 

 

© मीरा हिंगोरानी, नई दिल्ली

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