लेखक की कलम से

अंधेरा छंटेगा, कोरोना हटेगा …

 

कोरोना का बीज, दानव रक्तबीज सा |

चण्डी बन प्रहार करे, न ये वार करेगा ||

 

आओ दीप जलाए, स्नेह भरे भाव का |

राष्ट्रीयता का भाव, एकता संदेश लिए ||

 

मर्दन कर मिलकर, कोरोना ये नाग का |

न मजहबी विष हो, शान्ति संदेश लिए ||

 

गांव शहर मेरे देश में, दूर सब जन रहे |

न भीड़ में दौड़े कोई, मन में भाव जगे ||

 

अफवाहों का भ्रम, अब न बिछेगा देश में |

सजग सब जन रहे, मातृभूमि मान का ||

 

भूखे न सोये कोई, कालकण्टक गाल में |

हाथ तो बढ़ाओ, मानवता के भाव लिए ||

 

एकता की हाथ बढ़े, इस संकट काल में |

शपथ हम सब लिए, अब कोरोना दूर हटे ||

 

अब अंधेरा दूर हो, क्षण क्षण ये पल गिने |

अंधेरा तो छंटेगा, तभी कोरोना दूर हटेगा ||

©योगेश ध्रुव ‘भीम’, धमतरी

Back to top button