तो राम बनेगा कौन ….

कब तक तू रहेगी मौन,

तेरा मौन तोड़ेगा कौन,
तू बनी रही जो अहिल्या,
तो राम बनेगा कौन,
उद्धार तेरा करेगा कौन,
रावण यहाँ पग पग पर है,
पर राम कौन ये जाने कौन,
मत पुकार अब कृष्णा पांचाली
तेरी वाणी सुनेगा कौन,
कालनेमि का युग हैं ये,
छलिया हैं सब तेरा कौन
तू खुद उठ,बढ़ा कदम,
जीत आज तू संग्राम
तू शक्ति,तू जगदम्बा,
कर स्वयं असुरो का मर्दन,
तू सौम्य है कमजोर नही,
जीत सकती है हर जंग नई,
लड़ फिर अपना युद्ध,
हो हर रावण पर क्रुद्ध,
जला मशाल,उठा तलवार
जीत फिर तू हर युद्ध,
तेरे सिवा तेरा है कौन,
ये बुझ सकता तेरा मौन,
प्रहार होता हर नारी पर,
जब कष्ट कोई नारी सहती हैं,
निर्भया की हर पीड़ा पर
हर एक नारी रोती है,
तो जुटाओ फिर सब एक संकल्प,
मिटाना हैं हर दुर्जन का दम्भ,
न सिसकने देंगे किसी नारी को,
जगायेंगे हर एक प्राणी को,
तो उठ अभी और ले दहाड़,
तोड़ हर बुराई का पहाड़,
बना एक नया युग,
सम्मान समानता का युग।।
©अरुणिमा बहादुर खरे, प्रयागराज, यूपी