पावन त्यौहार, मना रहे गणतंत्र दिवस…….
देश की शान तिरंगा प्यारा है।
रोशन चाँद सितारो तक है।
फलक तक पंचम फैराहयेगे ।
गीत भाईचारे के गायेगे।
तिरंगा लहराये गौरवान्वित कर
बलिदानो से केसरिया दमकता
शांति की सौगंध श्वेत रंग से निखरती
हरियाली से हरा -भरा हिदुस्तान
हरे रंग की होती पहचान।
नीले चक्र की चौबीस तीली देती है।
समय सूचक पैगाम प्रगतिशील रहो हमेशा
समय की गति जो समझता।
जीवन मे देशप्रेम का रंग ओढ़ कर
दुश्मन को मात देकर ‘ जैविक हत्यार समाप्त कर’
स्वर्ण भारत का सुनहरा गणतंत्र मना रहे हम
शपथ मातृभूमि की लेते है।
जब तक लहू दौड़ता नस-नस मे
प्रेम निभायेगे वतन से ।
भारत माँ के लाल हम
देश पर जाँ निसार कर देगे।
हम अपने खून से भारत को सींचेगे।
देशभक्ति के फूलो से हर जगह को
महका देगे।
हम देश के माली है।
हम देश सज़ा देगे। मातृप्रेम को हर दिल मे रचा देगे।
©आकांक्षा रूपा चचरा, कटक, ओडिसा