लालू कहिन …
(व्यंग्य)
हम_ लालू ज लालू जी यह यह चीनी चारे का। क्या
गफला है??
लालू जी ने लाल आंखें कराने गोरा। बोले!
अरे हमारे बाप दादा! पशु पालक रहे। सोहम उनके वास्ते चारा लावतात रहे
हमने दिमाग के पिंजरे को झटका शायद कोई।
खड़ा करता सवाल बहार आए।
हम__ पर यह दो बार जेल जाने का क्या मामला है?
लालूजी भड़के __ हम यादव जाति के रहे कृष्णा भी तो जेल में पैदा हुए।
हमने डरते 2 एक सवाल
दाग़ा__ यो जो राबड़ी जी को तो नाम तक लिखना ना आवे।
ओको काहे
चीफ मिनिस्टर बनाइ दियो??
अब लालू जी के बरसने की बारी थी सो ???
बरस पड़े___
ई साले तुम! मीडिया वाले!
बाल की खाल उतारने में। एक
कदम आगे रहत होता
हम वहां से जो दुम दबाकर भाग हैं। तो घर आकर दम लिया।
पत्नी की फटकार अलग से खाई। हासिल कुछ ना हुआ।
तब से हमने कसम खाई है। के पत्रकार का काम छोड़ देंगे।
इसमें फायदा कम नुकसान ज्यादा है। जय राम जी की!
© मीना हिंगोरानी, नई दिल्ली