लेखक की कलम से

आज़ादी बॉडी शेमिंग से …

 

वैसे तो हमारे देश को आज़ाद हुए एक लंबा अर्सा होगया है लेकिन बहुत सी ऐसी जंजीर है जो दिखती नहीं है किंतु हमारी मानसिक गुलामी का प्रतीक है!

 

 

ऐसी ही एक जंजीर है, तन के भूगोल की !!

 

 

तन के भूगोल से परे

एक स्त्री, स्वयम में

संपूर्ण सृष्टि की सृज़क है!

 

कभी पढ़ा है तुमने,

उसके मन के भीतर के

अंतर्द्वंद को????

 

हाड़ मांस ,रक्त मज्जा से

बने शरीर के अतिरिक्त,

उसके विशाल हॄदय को,

 

पुष्प से कोमल, अंतर्मन को

उसकी भावनाओं को

क्या कभी  महसूस किया है तुमने…??

 

 

 

तन  मतलब शरीर ! किसी भी इंसान को उसके शरीर की  बनावट ,रंग ,रूप को लेकर को प्रताड़ित करना हमारे देश मे बहुत आम बात है, इसे बॉडी शेमिंग कहते है।

 

आश्चर्य की बात यह है कि, सिर्फ अनपढ़ या अल्प शिक्षित ही नही अपितु उच्च शिक्षित लोग भी बॉडी शेमिंग करते है।

 

 

हम क्यों भूल जाते है कि, इंसान सिर्फ हाड़ मांस का बना पुतला नही है बल्कि उस से कहीं अधिक मनुष्य के अस्तित्व का सम्बन्द्घ आत्मा और मन से है।

 

 

 

 

किन्तु बॉडी शेमिंग हमारे समाज की एक ऐसी सच्चाई है , जो बरसों से चली आ रही है और वर्तमान में फिल्मों और मीडिया ने इसको बढ़ावा ही दिया है ।

 

हम सब एक ऐसा शरीर और लुक्स चाहते है , जो हम रुपहले पर्दे पर देखते है जो वास्तविक नही है या लगभग असंभव है, जैसे जीरो फिगर लुक।

 

चाहे लड़का हो या लड़की सबको बॉडी शेमिंग  का सामना करना पड़ता है । हाँ ये बात अलग है कि लड़कियां अधिक

प्रताड़ना सहती है ,रंगरूप के कारण और  सबसे दुख की बात यह है कि हम ये सब बचपन से देखते आये है और सहते भी है।

 

आज भी बहुत से लोग इसे बुरा या अपराध नही मानते, उनके लिए इस सामान्य बात है।

 

आम लड़कियाँ ही नही बहुत सी फिल्मी हस्तियाँ भी अपने रंग रूप, ऊँचाई आदि को लेकर तानों और बॉडी शेमिंग का शिकार होती रही है।

 

कितना कुछ बदल गया है समाज मे , शिक्षा का स्तर भी बढ़ा है लेकिन बॉडी शेमिंग की समस्या कम होने की बजाय बढ़ती ही रही है ।

 

अरे तुम इतनी मोटी क्यों है ??

 

तो कोई कहता है अरे तुम इतनी दुबली क्यों ??

 

कोई कहता है इसका रंग दबा हुआ है

 

 

कोई सांवला कह जाता है ?

 

किसी को गंजेपन के कारण अपमान सहना पड़ता है ..

 

मुझे यह समझ में नहीं आता कि हम हमारा समाज जो व्यक्ति जैसा है उसको उसी रूप में क्यों स्वीकार नहीं करता हैं ???

 

अगर कोई काल है तो हम पूछता हैं कि वह गोरा क्यों नहीं??

 

अगर कोई बहुत गोरा है तो हम उसे कहते हैं, ये तो सूरजमुखी है ।

 

कोई लंबा है ,तो कोई नाटा …

 

 

लोग किसी को सुखड़ा कहकर मजाक उड़ाते है और  किसी को माचिस की तीली ।

 

लड़कियों को तो पता नही क्या-क्या सुनना पड़ता है, मसलन छोटे स्तन है तो ट्रीटमेंट करवालो , भारी वक्ष स्थल है तो कुछ वर्कआउट  क्यों नही करती….

 

किसी के नितम्ब भारी है तो लोग बोलेंगे …किसी का पेट निकला है, तो भी बोलेंगे…

 

 

किसी के दांत ऊंचे है, किसी की नाक मोटी है और भी न जाने क्या क्या कहते है लोग….

 

 

लेकिन सवाल ये है कि आख़िर कब हम इंसान को उसके तन के भूगोल के आधार पर परखते रहेंगे????

 

हम इंसान को उसके सम्पूर्ण व्यक्तित्व और सद्गुणों पर कब सराहेंगे???

 

कब वो सुबह आएगी जब हम महिलाओं को हाड़ मांस की गुड़िया से अधिक सम्पूर्ण व्यक्ति के रूप में  ,जैसे हम है , वैसे ही स्वीकार किया जायेगा??

 

 

याद रखिये बॉडी शेमिंग यदि मानसिक प्रताड़ना के उद्देश्य से या आत्म विश्वास व आत्म सम्मान को ठेस पहुँचाने हेतु की जाती है तो यह दण्डनीय अपराध है।

 

आप इसकी शिकायत cybercrime.gov.in पर कर सकती हैं।

 

मुझे लगता है अब समय आगया है इस जंजीर को तोड़ने का

 

….

 

अगर आप भी इस समस्या का सामना कर रहे है तो खुल कर विरोध करें, आवश्यकता पड़ने पर कानूनी सहायता लें।

 

 

    ©शीतल रघुवंशी, अधिवक्ता, दिल्ली उच्च न्यायालय   

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