लेखक की कलम से
संकल्प …
आज बोएं है कुछ बीज
कल अंकुर फूटेंगे
फिर कलियां, फूल, फल
आंधी से बचाना है
तूफान से लड़ना सीखाना है
तेज धूप व बारिश से जूझना सीखाना है
कीड़े- मकोड़ों से दूर रखना है
ढाल बनकर जब खड़ी रहूंगी
आंधी, तूफ़ान तो क्या, नदी की तेज धाराओं को भी
अपना रुख बदलना होगा।।
©मोर्जुम लोयी, सहायक प्राध्यापक, लेखी, अरुणाचल प्रदेश