जानिए छग के 28 वें जिले गौरेला पेण्ड्रा मरवाही के बारे में … 10 को आ रहा अस्तित्व में
पेण्ड्रा। एक दिन बाद यानी 10 फरवरी को अस्तित्व में आ रहे छत्तीसगढ़ के 28 वें जिले गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही के उद्घाटन को लेकर युद्धस्ततर पर तैयारियां जारी है। हालाकि पिछले तीन दिनों से मौसम अनुकूल नहीं होने से तैयारियों पर असर पड़ा है, लेकिन इसके शुभारंभ को यादगार बनाने की सभी कोशिसें की जा रही है। क्षेत्र के लोगों को 10 फरवरी का इंतजार है जब प्रदेश के मुख्यमंत्री यहां आयाेजित कार्यक्रम में इस नवगठित जिले का उद्घाटन करेंगे जिसके गठन की घोषणा भी उन्होने ही की है। गुरूकुल में अस्थायी मुख्यालय के साथ शुरू होने जा रहे इस जिले के बारे में कुछ तथ्य …
छग का 28 वां जिला गौरेला पेण्ड्रा मरवाही– पहली बार तीन स्थानों के नाम को जोड़कर किसी जिले का नामकरण किया गया है।
बिलासपुर जिले के तीन विकासखण्ड गौरेला पेण्ड्रा व मरवाही की सीमाएं इस जिले की सीमाएं हैँ जिसका कुल क्षेत्रफल 1978 वर्ग किमी है। यह बिलासपुर जिले से अलग होकर बनने वाला 5 वां जिला है ।
राजस्व निरीक्षक मंडल- 10 पटवारी हल्का – 86, ग्राम पंचायतों की संख्या-166, कुल गांवों की संख्या- 223
जनसंख्या- वर्ष 2011 के जनगणना के आधार पर लगभग 3 लाख 36 हजार। वर्तमान में करीब सााढ़े चार लाख होने का अनुमान
जिला पंचायत क्षेत्र- 5, जनपद पंचायत मुख्यालय-3 गौरेला पेण्ड्रा मरवाही।
विधानसभा क्षेत्र- कोटा व मरवााही। लोकसभा क्षेत्र कोरबा व बिलासपुर।
ब्लाक व तहसील – 3 गौरेला पेण्ड्रा व मरवाही।
छग के अन्य जिलों की सीमाएं- कोरिया बैकुण्ठपुर, कोरबा, मुंगेली व बिलासपुर। मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले की सीमाएं इससे मिलती है।
पुलिस थाने- 3 गौरेला, पेण्ड्रा व मरवाही। कुछ प्रस्तावित।
शैक्षणिक- महाविद्यालय 3 आईटीआई 2 , पेण्ड्रा में डाइट प्रशिक्षण केन्द्र, आवासीस विद्यालय 4
रेलवे स्टेशन – पेण्ड्रारोड गौरेला। प्रमुख नदी- सोन।
वनमण्डल मरवाही- आज भी यह घने जंगलों वाले क्षेत्र के रूप में अपनी अलग पहचान रखता है जहां भालू बहुतायत में मिलते हैँ। आए दिन आबादी वाले क्षेत्रों में इनकी धमक की खबरें आती है। जामवंत प्रोजेक्ट को लेकर यह क्षेत्र मध्यप्रदेश के समय से चर्चित रहा। साथ ही आदिवासी नेता स्व. भंवर सिंह पोर्ते ने भी इस क्षेत्र को देश के मानचित्र में उभारने में अहम योगदान दिया।