पेण्ड्रा-मरवाही

सावधान ! अब कलेक्टर हैं यहां, धोबहर छात्रावास की अधीक्षिका मिली गायब, दो वेतनवृद्धि रोकने का आदेश

पेंड्रा (अमित रजक)। जिला मुख्यालय हो जाने के बाद भी अधिकारी-कर्मचारी बाहर से आना-जाना कर रहे हैं। यह बात तब पुष्ट हुई जब देर रात धोबहर और ज्योतिपुर के छात्रावास में निरीक्षण के लिए कलेक्टर शिखा राजपूत पहुंची तब वहां अधीक्षिका नदारद मिलीं। छात्राएं भी कम थीं। छात्रावास अधीक्षिका के खिलाफ तत्काल कार्यवाही करते हुए 2 वेतनवृद्धि रोकने के निर्देश दे दिए गए हैं। विभागीय जांच और कार्यवाही अलग से होनी है।

पेंड्रा-गौरेला में नौकरी करने वाले अधिकारी-कर्मचारी ज्यादातर बाहर से आना जाना करते हैं। इस बात को पुष्ट करना है तो सुबह बिलासपुर स्थित उसलपुर रेलवे स्टेशन में देखा जा सकता है। यहां से बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी जाते हैं और शाम को ट्रेन से ही लौट आते हैं। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही अब जिला बन चुका है। यहां पर कलेक्टर से लेकर अन्य अधिकारी रह रहे हैं। इस बात से अप-डाऊन करने वाले कर्मचारी बेफिक्र हैं।

कलेक्टर को इस बात की शिकायत मिली कि जिम्मेदार अधिकारी मुख्यालय में नहीं रहते। इसी शिकायत के बाद देर रात छात्रावास के औचक निरीक्षण में पहुंची कलेक्टर शिखा राजपूत निरीक्षण के दौरान धोबहर गांव के छात्रावास की अधीक्षिका गायब मिली। वहीं जांच करने पर मालूम हुआ कि वहां कुल दर्ज छात्राओं की तुलना में केवल 10 छात्राएं ही मौजूद थीं।

कलेक्टर ने अधीक्षिका की 2 वेतनवृद्धि रोकने का आदेश जारी कर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कलेक्टर ज्योतिपुर के छात्रावास भी पहुंची। यहां रात 11 बजे छात्रावास अधिक्षिका के गायब रहने पर नोटिस जारी किया।

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