लेखक की कलम से
कोहरे की चादर मुबारक…
सुप्रभात
छू लेते हो हृदय को मेरे आ करके ओ मौसम
लग जाएं गले सब तेरे ओ ठंडे ठंडे मौसम
पिघलाती सहलाती हवाएं झूमती हैं इधर उधर
संग संग मस्ती में तुम भी खो जाते हो मौसम!
©लता प्रासर, पटना, बिहार
छू लेते हो हृदय को मेरे आ करके ओ मौसम
लग जाएं गले सब तेरे ओ ठंडे ठंडे मौसम
पिघलाती सहलाती हवाएं झूमती हैं इधर उधर
संग संग मस्ती में तुम भी खो जाते हो मौसम!
©लता प्रासर, पटना, बिहार