लेखक की कलम से

कोशिश ….

कोशिश खत्म नहीं हो रही..
कभी हंसने की कोशिश..
कभी खुश दिखने की कोशिश..
कभी जिन्दा रहने की कोशिश..
कभी मास्क के भीतर…
आंखों से मुस्काने की कोशिश…
कुछ भूल जाने की कोशिश…
कुछ छिपाने की कोशिश..
कामयाब कितना होती है..
नहीं जानती…ये तमाम कोशिश मेरी..
पर अब इन सब कोशिशों से उभरने की
एक आखिरी कोशिश…!!

 

©डिम्पल माहेश्वरी, जालोर, राजस्थान      

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