पेण्ड्रा-मरवाही

व्याख्याताओं की मांग पेण्ड्रा में हो बोर्ड परीक्षाओं के कापियों का मूल्यांकन

छग तृतीय वर्ग शास. कर्मचारी संघ एवं शिक्षक फ़ेडरेशन ने भी समर्थन किया इस मांग का

पेण्ड्रा। आदिवासी विकास खंड पेंड्रा गौरेला मरवाही क्षेत्र में स्थित गांव में संचालित शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल एवं हाई स्कूल में पदस्थ व्याख्याताओं ने पेंड्रा के शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला पेंड्रा में बोर्ड परीक्षा के कॉपियों के मूल्यांकन केंद्र बहाली की मांग की है। व्याख्याताओं का कहना है की डेढ़ सौ से 175 किलोमीटर की दूरी तय करके बिलासपुर जाना और वहां बोर्ड परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन करना तथा शाम को वापस आना अत्यंत व्यावहारिक एवं अमानवीय है यह छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ है इतनी लंबी दूरी आना जाना करके मूल्यांकनकर्ता शिक्षक छात्र छात्रों की कॉपियों से कितना न्याय कर पाएंगे? यह बड़ा सवाल है।

इस संबंध में व्याख्याता संघ गौरेला पेंड्रा मरवाही द्वारा सचिव स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह छत्तीसगढ़ शासन रायपुर के नाम ज्ञापन भेज कर शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला पेंड्रा में बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन केंद्र बहाली करने की मांग करते हुए बताया कि आदिवासी विकासखंड पेंड्रा गौरेला मरवाही स्थित हायर सेकेंडरी स्कूल एवं हाई स्कूल मैं पदस्थ व्याख्याताओं को बोर्ड परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन के लिए बिलासपुर जाना पड़ता है। रोजाना बिलासपुर आना-जाना करके वहां 11:00 बजे से 5:00 बजे तक कॉपियों का मूल्यांकन करना अत्यंत कठिन और उबाऊ है  । छात्रों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ है क्योंकि जो शिक्षक सुबह 5 बजे उठकर डेढ़ सौ किलोमीटर की बस या ट्रेन की यात्रा करके वहां बोर्ड परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन करना व्यवहारिक नहीं है। वह छात्रों के हित के साथ कैसे न्याय कर पाएगा।  कुछ वर्षों पूर्व  पेंड्रा के शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला में बोर्ड परीक्षा का मूल्यांकन केंद्र बनाया गया था जो 2 वर्षों तक संचालित भी था परंतु तत्कालीन मूल्यांकन केंद्राध्यक्ष के द्वारा जवाबदारी का मूल्यांकन केंद्र संचालन में लापरवाही बरतने के कारण पेंड्रा के मूल्यांकन केंद्र को हटा दिया गया था जिसका खामियाजा यहां पदस्थ व्याख्याताओं को भुगतना पड़ रहा है। पेंड्रा गौरेला मरवाही सुदूर आदिवासी इलाका है जो बस्ती गरा से अंधियारखोर कारीआम से लेकर दरमोहली बरौर बेलझिरिया कांसबहरा तक फैला हुआ है और इन इलाकों में हायर सेकेंडरी स्कूल एवं हाई स्कूल संचालित है जहां पदस्थ शिक्षकों की ड्यूटी हर वर्ष बोर्ड परीक्षाओं के बाद कॉपियों के मूल्यांकन के लिए लगाई जाती है। शिक्षकों को कोई आवासीय सुविधा भी नहीं दी जाती ताकि वह वहां रुककर मूल्यांकन कर सकें जिसके कारण उन्हें पेंड्रा गौरेला मरवाही क्षेत्र से रोजाना डेढ150- 175 किलोमीटर की दूरी तय करके बिलासपुर जाना पड़ता है और फिर उतनी ही दूरी तय करके वापस आना पड़ता है। रोजाना यह कार्य व्यवहारिक नहीं है तथा छात्रों के भविष्य के लिए हितकर है। इस भागमभाग में यदि मूल्यांकनकर्ता शिक्षक थोड़ी भी लापरवाही करता है तो वह छात्रों के के लिए पूरी तरह अहितकर है।

  व्यवहारिक कठिनाइयों की जानकारी देते हुए व्याख्याता संघ पेंड्रा गौरेला मरवाही ने पूर्व में संचालित शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला पेंड्रा के बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन केंद्र की बहाली कराने की मांग की है। व्याख्याता संघ किस मांग का छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ एवं शिक्षक फ़ेडरेशन ने भी समर्थन किया है।

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