मुस्कुराया जाए …
मेरी छोटी सी जिंदगी में गम बहुत आया
मैं नहीं घबराया मैंने उसको भी गले लगाया
ए मेरी अपनी अमानत है
क्यों ना इसे भी अपनाया जाए
लगता है दर्द अब सीने में ही दफनाया जाए
चलो एक बार फिर से मुस्कुराया जाए…!!
दिल में उम्मीद के जुगनू अभी भी जिंदा है
पहले बांध लिए थे घुंगरू पर आज शर्मिंदा है
टूटती नहीं है डोर प्रीत की
यह और भी मजबूत होती जाए
तुम अगर साथ दो तो चार कदम चल पाए
चलो एक बार फिर से मुस्कुराया जाए…!!
जानता हूं मुश्किल है सफर पर चलना तो है
चार कदम दर्द फिर खुशियां तो डरना क्यों है
पकड़ ही लेंगे रास्ते में
अगर कहीं खुशी मिल जाए
दुखों को नजर अंदाज करके क्यों ना आगे बढ़ जाए
चलो एक बार फिर से मुस्कुराया जाए…!!
जिंदगी है बेवफा इसमें अब कोई हर्ज नहीं
क्यों ना कुछ वक्त साथ हंस के बिताया जाएं
जानता मैं भी हूं आसान नहीं
इतने गम में चेहरे पर मुस्कान लाना
फिर भी कोशिश करने से पीछे क्यों हट जाएं
चलो एक बार फिर से मुस्कुराया जाए !!
तो क्या हुआ कहानी हमारी अधूरी रह गई
यह मत समझना की ये आंसुओं में बह गई
क्यों ना किरदार में कोई नया मोड़ ले आए
जिस जमाने ने दिल दुखाया
उससे दूर किनारा कर लिया जाए
चलो एक बार फिर से मुस्कुराया जाए !!
ढूंढ ही लेंगे खुशी मिल जाए मिल ही जाएगी
वफादार ना मिली तो मिल जाएगी हरजाई सी
दिखावे का नाटक कर
फिर से आंसुओं को छुपाया जाए
हां राजेश अपने अरमानों का गला दबाया जाए
चलो एक बार फिर से मुस्कुराया जाए !!
©राजेश राजावत, दतिया, मध्यप्रदेश