लेखक की कलम से

हारेगा कोरोना …

खाना पीना सोना

आज रहो घर पर

हारेगा कोरोना

स्वच्छता अपनाओ जी

बाहर ना निकलो

कोरोना भगाओ जी

ये हवा में जहर जो है

प्रकृति को छेड़ा 

उसी का कहर तो है

एक बात बताओ ना

क्यों माँसाहार किया

क्यों फैला कोरोना

पशुओं को सताया है

आह लगी उनकी

कोरोना आया है

जिम्मेदार बनोगे ना

नाव है लहरों में

पतवार बनोगे ना ….

©आशुतोष आनंद दुबे, पेंड्रा, छत्तीसगढ़

Back to top button