राम …
आज रामनवमी हैं। राम भारतीय संस्कृति की उदात्त अभिव्यक्ति हैं। रामजी ने पृथ्वी पर श्रेष्ठता की, त्याग की भाव भूमि रची। राम के चरित्र ने यह सिद्ध किया है कि सबसे ऊपर मर्यादा है। इसीलिए अति भौतिकवादियों को कई बार उनका चरित्र काल्पनिक प्रतीत होता है। आज पुनः आवश्यकता है संसार को उनके मर्यादा की, आचरण की, त्याग की। जय श्रीराम ! रामनवमी के पावन अवसर पर प्रस्तुत हैं मेरी कविता ‘राम’। आप सभी की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में …
राम …
राम आपके हैं
राम मेरे हैं
राम सबके हैं
राम मन में है
राम तन में है
राम धम्म में है
राम सब में है
राम भूलोक है
राम इहलोक है
राम पारलौकिक है।
राम क्षत्रिय है
राम भील है
राम शूद्र है
राम वैश्य है।
राम भारतवासी है ।
राम वनवासी है
राम सत्ता के स्वामी है।
राम नीति है
राम नियम है।
राम मय है सारा संसार
राम सप्तलोक है
राम संस्कृति है
राम संस्कार है
राम राम है
हम सब …
©डॉ साकेत सहाय, नई दिल्ली