लेखक की कलम से

राखियां …

लाल पीली और नीली राखियां

सबके चेहरे भी खिलाती राखियां

 

नेह की कीमत बढ़ाती राखियां

गेह अपनों से सजाती राखियां

 

टूटने पाए न रिश्ता यह कभी

याद सबको ही दिलाती राखियां

 

हाथ सबके भी सजाती राखियां

स्नेह बंधन बनाती राखियां

 

मान रखती सदा ही राखियां

प्यार दिल में भी जगाती राखियां

 

©डॉ रश्मि दुबे, गाजियाबाद, उत्तरप्रदेश                      

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