लेखक की कलम से

पुराने पत्ते …

ये जो पेड़ के पुराने पत्ते है

बसन्त ऋतु में गिर जाते है

पत्ते जो जमीन पर सड़ -गल जाते

जमीन को उर्वरक शक्तियां प्रदान करते हैं

पेड़ के टहनियों पर जो नये पत्ते उगते है

उन्हें हरा भरा करने के लिए

यह प्रकृति का खूब सूरत और सरल मिजाज है

जो उन्हें खुद से अलग करती है

नई पीढ़ियों के लिए

क्या पता ,,,,?

उन मनचली नई पीढ़ियों को

कि मेरा चेतन मेरा अस्तित्व

उन सूखी हुई पत्तियों में है

जो हमें हरा-भरा करने के लिए

खुद को अस्तित्व विहीन कर लिए है।

©अजय प्रताप तिवारी, इलाहाबाद

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