लेखक की कलम से

यादें …

यादें,

खट्टी मीठी यादें….

निरंतर प्रत्येक श्वास-निश्वास सह जीवन यात्रा करतीं

हम संग….

ये हमारा अवलंबन होतीं!

ये रिकॉर्ड करती

हमारे हर गुजरे पलों को….

कभी ये भ्रांतियों का निराकरण करतीं…

तो कभी ये

मनोचिकित्सक की भांति अतल गहराइयों तक साथ देतीं…

कभी ये संगीत से तरंगित करती

मन-प्राण तक को…

तो कभी सप्त सुरू के बंधनों से व्यक्तित्व को बांधतीं….

तो कभी खुशबू से मन-बगिया को सुगंधित कर देतीं…

तो कभी खौफनाक दृश्य से दहलाती…

तो कभी जी तोड़ रुलातीं…

तो कभी आपातकालीन स्थिति में “सुरक्षा-कवच” सदृश्य संबल बन, प्रतिपल हमें संभालती

ये यादें…

जीवन का,

जीवन से,

अटूट बंधन

हैं

ये यादें …

 

 

©अल्पना सिंह, शिक्षिका, कोलकाता                            

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