लेखक की कलम से

औरत वो है जो …

औरत पर हर रंग फबता हैं

उसके चेहरे पर नूर बरसता हैं

कितने किरदार में हर किरदार जचता हैं

औरत वो नहीं जो हर मर्दं को हर बार पसंद करती हैं।

औरत वो है जो एक ही मर्दं को करोड़ों बार पसंद करती हैं

वफादारी की मिसाले कृष्ण और राधा की प्रेम कहानी सी नज़र आती हैं

ये प्रेम है जनाब एक से नहीं दोनों की वफादारी से अंतिम श्वास तक पहुंच पाती हैं

 

© हर्षिता दावर, नई दिल्ली

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