पेण्ड्रा-मरवाही

मरवाही भाजयुमो मंडल अध्यक्ष आयुष मिश्रा ने लखनघाट को पर्यटन स्थल में विकसित करने की मांग

मरवाही (अनुपम शुक्ला)। जनपद पंचायत मरवाही के क्षेत्र क्रमांक 4 परासी के लखनघाट को पर्यटन क्षेत्र में स्थापित करने की मांग युवा जनपद सदस्य व मरवाही भारतीय जनता युवा मोर्चा के मण्डल अध्यक्ष आयुष मिश्रा ने की है। उन्होंने मांग की कि लखनघाट मरवाही क्षेत्र का तीर्थ है इसलिए इसे पर्यटन के क्षेत्र में अविल्ब विकसित किया जाए।

उन्होंने लखनघाट का धार्मिक उल्लेख करते हुए कहा कि यहां श्रीराम-लक्ष्मण द्वारा बांध बनाया गया था, जिसके कारण इसे लखनघाट के नाम से प्रसिद्धि मिली। मान्यता है कि जब भगवान राम वनवास काल में भ्रमण कर रहे थे तब वे लखनघाट में आये थे और शिव की उपासना किये थे वो मन्दिर आज भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। यहाँ सिद्धबाबा की मूर्ति यहाँ विराजमान है।

जब यहां स्टाप डेम का निर्माण कराया जा रहा था तो डेम बनने के समय पत्थरों को तोड़ने पर प्राचीन काल के त्रिशूल, लोटा, मूर्ति पत्थर से मिले। यहाँ पुल के नीचे पुरातनकाल के 3 पत्थर ऐसे हैं कि जो देखने में शादी में बनने वाले वाद्ययंत्र नगाड़ा, टिमकी तारी जैसे दिखते हैं। लखनघाट की देखरेख यहाँ के ग्रामीण करते हैं यही से लखनघाट का धार्मिक महत्व का प्रचार हुआ है और निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। धार्मिक महत्व के साथ साथ  यह पर्यटक स्थल के लिये भी जाना जाता है।

इसके अतिरिक्त रोजना लोग यहाँ पिकनिक आदि मनाने भी जाते हैं। यही नहीं नवम्बर-दिसंबर में महाविद्यालय एवँ स्कूलों (मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़) से पिकनिक के लिये आते है एवँ स्टॉप डेम में हमेशा जल भराव के कारण लखनघाट की सुन्दरता बनी रहती है। इसके अलवा धार्मिक व पौराणिक महत्व के कारण यहाँ मृत व्यक्ति की आत्मा की शांति के लिये श्राद्ध दी जाती है। यहाँ मध्यप्रदेश एवँ छत्तीसगढ़ के बॉर्डर के छेत्रों और मरवाही विधानसभा में गंगा रूपी सोन में दाह संस्कार के बाद राख फूल आदि का विसर्जन भी होता है।

इसके अलावा 14 जनवरी को मकरसंक्रांति को विशाल मेला का आयोजन होता है जिसमें हजारों की संख्या में लोग आते हैं। यह मेला 2 दिन का होता है। अब इसके अलावा हर शनिवार को साप्ताहिक बाजार का आयोजन होता है, प्राकृतिक रूप से बहुत ही सुंदर जगह है। आवागमन के लिए सड़कें बहुत ही अच्छी है मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के बॉर्डर पर होने के कारण काफी संख्या में पर्यटक यहाँ की सुंदरता को देखने पहुंचते है। अगर पर्यटक क्षेत्र के रूप में लखनघाट को पहचान मिलती है तो इसके आस पास के बहुत से ग्रामों और ग्रामीणों को फायदा होगा एवँ क्षेत्र की भी कीर्ति दूर दूर तक फैलेगी।

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