लेखक की कलम से

करोना …

  

  सुनो! सब ठहर गया ना

      विस्तार और प्रसार भी

    

तुमने सुना नहीं……

 स्लो डाउन- स्लो डाउन  की चीख

 तुम क्यों नहीं समझ पाते

उग्र विग्रह

    केंद्र का संग्रह

अब तक इधर-उधर पलायन करते रहे

अब बंद रहो

    मायावी इंद्रजाल के चंगुल में

स्वयं को विशिष्ट और अद्वितीय समझने वाले

सच्चा प्रतिनिधित्व केवल प्रकृति के पास है

केवल इतना ही समझ जाओ

मानो बात मानो

    अब तो रुक जाओ

©दोलन राय, औरंगाबाद, महाराष्ट्र

Back to top button