लेखक की कलम से
हरियाली …
मेरा दिल तुझको पुकारे
अब हम है तेरे सहारे।
देश की रक्षा के ख़ातिर
बनना पड़ेगा अँगारे।
पहुँच जाये जब मंजिल तक
हम फैला देंगे सितारे।
हरियाली अब छायेगी
खुशी के छाएगे फुहारे।
जन गण मन आवाज गूंजेगा,
भग जाएंगे दुश्मन सारे के सारे।
©अर्पणा दुबे, अनूपपुर