पेण्ड्रा-मरवाही

आचार संहिता के चलते शिक्षकों, सचिवों से लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने फहराया तिरंगा

मरवाही। आचार संहिता के चलते गणतंत्र दिवस समाराहे स्कूलों मे इस बार बदला-बदला नजर आया। पंचायत के नेता हर बार झंडा फहराने के लिए उतावले रहते थे। वे इस बार स्कूल परिसर में भी नजर नहीं आए। हाल ये रहा कि कहीं प्रधानपाठक, कहीं गुरुजी, कहीं पंचायत सचिव से लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी इस बार झंडा फहराने का मौका मिल गया।

पंचायत चुनाव के लिए आचार संहित लागू होने के चलते राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार कड़ाई के साथ निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत या अन्य प्रतिनिधि ध्वजारोहण न करें। ध्वजारोहण सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से ही कराने के निर्देश दिए गए थे।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अचार सहिंता प्रभावी होने के कारण एक ओर जहां चुनाव आयोग ने समस्त शासकीय कार्यालयों में जनप्रतिनिधियों के ध्वजारोहण पर पाबंदी लगा दी थी तो वहीं शासकीय कार्यालयों में सबंधित कार्यालय प्रमुख तो स्कूलों में शिक्षकों ने व पंचायत भवनों में सचिवों ने ध्वजारोहण किया।

अमूनन ऐसा कभी कभी होता है कि शासकीय कार्यालय जैसे स्कूलों व पंचायत भवनों में छोटे-छोटे कर्मचारियों को भी ध्वजारोहण करने का मौका मिले। पर इस बार चुनाव आयोग के निर्देश के बाद यह अवसर भी इस बार मिला।

ग्राम पंचायत भवन बगरार में ध्वजारोहण करने वाले सचिव राजेश सुमन ने दिल्ली बुलेटिन से बातचीत करते हुए कहा कि हम जैसे छोटे कर्मचारियों के लिए तिरंगा झंडा फहराना अपने आप मे गर्व की बात है और यह हमारे लिए किसी पद्मश्री से कम नहीं है।

वैसे भी तिरंगा भारतवर्ष की शान है। इसकी आन-बान और शान को बनाये रखना हर भारतीय का फर्ज है। इसे फहराने पर हर भारतीय अपने आप को गौरान्वित महसूस करता है। ऐसे में छोटे-छोटे कर्मचारी भी इस बार ध्वजारोहण कर अपने आप को गौरान्वित महसूस कर रहे हैं।

Back to top button