मुंगेली

कर्नाटक में भी फंसे हैं छत्तीसगढ़ के मजदूर

मुंगेली {अजीत यादव} । ग्राम रोहरा खुर्द के 28 महिला व पुरुष मजदूर कर्नाटक राज्य की राजधानी बेंगलुरु अंतगर्त जिला बागलकोट के नवनगर में लाकडाउन के चलते फंसे हुए हैं। वहां फंसे मजदूर सरकार और जिला प्रशासन से मदद की गुहार कर रहे हैं।

बताया जा रहा है कि ये लोग कमाने खाना राज्य से बाहर दूसरे प्रदेश गए हुए थे। कोरोना वायरस के चलते लाकडाउन में यात्रा की सारी सुविधा बंद होने के कारण अब वापस अपने घर नहीं आ पा रहे हैं। वहीं जिस रोजी-रोजगार के लिए अपना घर-बार, गांव छोड़कर गए थे अब वो भी बंद हो गया है। जिससे उन्हें आर्थिक कठिनाइयों के साथ ही सिर छुपाने की जगह भी नहीं मिल पा रही है। वे दिन और रात खुले आसमान के नीचे काट रहे हैं। 28 मजदूरों के साथ महिलाएं व बच्चे भी फंसे हुए हैं।

वहां फंसे मजदूरों ने बताया कि वे काम करने के लिए कर्नाटक आए हैं। अब तो देशबंदी {लाकडाउन} होने के कारण काम भी बंद हो गया है और हाथ में पैसा भी नहीं है। कुछ लोगों के पास है तो गांव-घर के लोग होने के कारण से वो लोग अपने पैसे से राशन और सब्जी खरीद कर खा रहे हैं। अब तो पैसा भी खत्म होने जा रहा है। राशन सामग्री लेने भी जाते हैं तो पुलिस डंडा मारकर भगा देती है। थोड़ा सा राशन सामग्री होने के कारण बच्चे भूख से व्याकूल हो रहे हैं। छोटे बच्चे खाने के लिए रो रहे हैं।

वहां फंसे मजदूर जिला प्रशासन व सरकार से हाथ जोड़कर निवेदन कर रहे हैं कि हमारी मदद करें। इनमें रमेश मंगेश्कर, द्वारिका खुंटे, मनोज खाण्डेकर, चैतराम बघेल, तुकप्रसाद बंजारा, चन्द्र प्रकाश बंजारा, खेलन आहिरे, मुंगेलिहा दिवाकर, द्वावारिका आहिरे, शेखर निषाद, उमेद खाण्डेकर, उमेश बंजारा, प्रलाहद बघेल, रंजीत आहिरे, गोपाल नवरंग, सुनिल नवरंग, सरजू भास्कर, परमात्मा टोण्डे, राजेश टोण्डे, सोनी टोण्डे, गीता नवरंग, अम्बाबाई टोण्डे, उशा भास्कर, दुर्गा खुटे, लक्ष्मी भास्कर, चित्रा बघंले, निशा डाहिरे, दुर्गा निषाद सहित बड़ी संख्या में छोटे बच्चे व महिलाएं शामिल हैं।

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