मुंगेली

शिक्षक फेडरेशन ने केंद्र सरकार के महंगाई भत्ते पर रोक लगाने के निर्णय का किया विरोध

मुंगेली {अजीत यादव} । छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन ने केन्द्र सरकार द्वारा जुलाई 21 तक मंहगाई भत्ते पर रोक लगाने के निर्णय को कर्मचारी विरोधी मानसिकता का एक और दमनकारी निर्णय बताया है। फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी एवं मुंगेली जिला कार्यकारी अध्यक्ष रामकृष्ण वैष्णव ने कहा कि कोरोना की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए शासकीय कर्मचारी अपनी जान की बाजी लगाकर दिन-रात नौकरी कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि मोदी सरकार के इस कर्मचारी विरोधी निर्णय से छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों का हित भी प्रभावित होगा। मोदी सरकार के निर्णय के कारण मंहगाई भत्ता किश्त क्रमशः जुलाई 20, जनवरी 21 तथा जुलाई 21 स्वीकृत नहीं होगा। साथ ही जनवरी 20 को स्वीकृत हुए महंगाई भत्ता के एरियर्स के भुगतान पर भी रोक लगाई गई है।

उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को जुलाई 2019 एवं जनवरी 20 के मंहगाई भत्ता किश्त का भुगतान नहीं हुआ है। प्रदेश के कर्मचारी अब ढाई वर्षों के मंहगाई भत्ता लाभ से वंचित हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि शासकीय कर्मचारियों ने राष्ट्रहित में स्वेच्छा से प्रधानमंत्री राहत कोष एवं मुख्यमंत्री सहायता कोष में न केवल दान दिया है, अपितु अपने घर-परिवार की चिंता को छोड़कर कोरोना संक्रमण से जनजीवन को बचाने संघर्ष भी कर रहे हैं।

फेडरेशन ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में शासकीय कर्मचारी देशहित में जूझ रहे हैं। ऐसे वक्त में उनके वेतन का भाग महंगाई भत्ता पर रोक लगाना असंवेदनशील और अमानवीय निर्णय है। मोदी सरकार को मौजूदा परिस्थितियों में अपने निर्णय पर दूरदर्शिता के साथ पुनर्विचार करना होगा। फेडरेशन ने कहा कि हर जोर जुल्म के टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है।

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