लेखक की कलम से
परिणाम के अगोरा…..
होगे हे चुनाव अब,परिणाम के अगोरा हे|
सब प्रत्याशी मन के,पांव तरी म फोरा हे||
कोन जितहि कोन हारहि,कोनो ह नी जाने|
फेर अपन आप ल कोनो ह,कमती नी माने||
विधान सभा जाए बर,सब झन के जोरा हे-
सोचत हों तीन दिसंबर के,जाने कैसन होहि|
कोनो ह हाँसहि त,कोनो ह मुड़ धर के रोहि||
जीत अऊ हार के,सब झन ल अगोरा हे-
जितहि तेहा पाँच बच्छर ले,ठेंगा देखाहि|
हारहि तेहा कलेचुप,अपन घर म लुकाहि||
बोनस के चक्कर म,बस धान के अगोरा हे-
जेन दल के बहुमत आहि,वोकर बनही मंत्री|
लाल बत्ती गाड़ी मिलहि,बंगला संग म संत्री||
नेता मन बर रस मलाई,जनता बर झकोरा हे–
कोनो ह जीते चुनाव,फेर जनता ह हारहि|
ये कलजुग म कोन ह,श्रवण बनके तारहि||
अजी जनता के पीठ म,महंगाई के फोरा हे–