लेखक की कलम से

परिणाम के अगोरा…..

होगे हे चुनाव अब,परिणाम के अगोरा हे|

सब प्रत्याशी मन के,पांव तरी म फोरा हे||

 

कोन जितहि कोन हारहि,कोनो ह नी जाने|

फेर अपन आप ल कोनो ह,कमती नी माने||

विधान सभा जाए बर,सब झन के जोरा हे-

 

सोचत हों तीन दिसंबर के,जाने कैसन होहि|

कोनो ह हाँसहि त,कोनो ह मुड़ धर के रोहि||

जीत अऊ हार के,सब झन ल अगोरा हे-

 

जितहि तेहा पाँच बच्छर ले,ठेंगा  देखाहि|

हारहि तेहा कलेचुप,अपन घर म लुकाहि||

बोनस के चक्कर म,बस धान के अगोरा हे-

 

जेन दल के बहुमत आहि,वोकर बनही मंत्री|

लाल बत्ती गाड़ी मिलहि,बंगला संग म संत्री||

नेता मन बर रस मलाई,जनता बर झकोरा हे–

 

कोनो ह जीते चुनाव,फेर जनता ह हारहि|

ये कलजुग म कोन ह,श्रवण बनके तारहि||

अजी जनता के पीठ म,महंगाई के फोरा हे–

 

©श्रवण कुमार साहू, राजिम, गरियाबंद (छग)             
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