लेखक की कलम से

डॉ. सक्सेना की कविताओं का मराठी अनुवाद ‘अजूनही लाल आहे पूर्व’ का हुआ विमोचन

मुंबई। ‘अजूनही लाल आहे पूर्व’ डॉ सुधीर सक्सेना की चुनिंदा कविताओं का गत 27 जनवरी को विशाखा मुलमुले द्वारा मराठी में अनुवाद की गई पुस्तक के विमोचन का कार्यक्रम स्वतंत्रता सेनानी व साहित्य अकादेमी पुरस्कृत वरिष्ठ कवि नागेश करमली के करकमलों द्वारा, मुख्य अतिथि पूर्व सांसद एवं गोवा कांग्रेस प्रवक्ता जीतेंद्र देशप्रभु की अध्यक्षता में कला एवं संस्कृति भवन, गोवा स्टेट सेंट्रल लाइब्रेरी पणजी गोवा में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

कोंकणी के ख्यात व प्रतिष्ठित साहित्यिकार, रंगकर्मी, फ़िल्म निर्देशक एवं बिम्ब प्रकाशन के प्रकाशक दिलीप बोरकर की अगुवाई में यह आयोजन हुआ। विशिष्ठ अतिथि के रूप में सम्पादक एवं वरिष्ठ कवयित्री डॉ सुलभा कोरे आमंत्रित थीं। पर किन्ही कारणों से वह कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं हो सकीं। प्रफुल्ल पलसुलेदेसाई एवं राजकिशोर सिंह भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। श्री देसाई ने पुस्तक के मुखपृष्ठ का खूबसूरती से संयोजन किया है। साथ ही इस कार्यक्रम में दुनिया इन दिनों पत्रिका के फरवरी अंक का लोकार्पण भी हुआ।

©विशाखा मुलमुले, पुणे, महाराष्ट्र
Back to top button